विधानसभा में आक्रामक भाजपा विधायकों पर संगठन की नजर, अनुशासन पर फोकस

भोपाल
 मध्य प्रदेश विधानसभा में अपनी ही सरकार को घेरने वाले भाजपा विधायकों पर इस बार कड़ी नजर रखी जाएगी। इन विधायकों से पहले ही मिलकर संबंधित विभाग के मंत्री उनके प्रश्नों का संतोषजनक जवाब देंगे। ताकि वे सदन में सरकार को घेरने वाले प्रश्न न कर सकें। इतना ही नहीं भाजपा विधायकों को यह भी बताया जाएगा कि विधानसभा सत्र के दौरान सदन में कौन से सवाल उठाने हैं और कौन से नहीं।

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मध्य प्रदेश विधानसभा में आज से मानसून सत्र शुरू हो गया है। सदन में विपक्ष को घेरने की रणनीति पर चर्चा के लिए 29 जुलाई को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। इससे पहले भी सरकार समय-समय पर विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों को नसीहत देती आई है कि विपक्ष को घेरने की तैयारी करके आएं, लेकिन सरकार के कामकाज पर सवाल उठाने के लिए नहीं बल्कि सदन में विपक्ष के झूठ को बेनकाब करने के लिए।

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सरकार की हुई थी किरकिरी

दरअसल, पिछली बार विधानसभा सत्र के दौरान आलोट से भाजपा विधायक डॉ. चिंतामणि मालवीय ने आरोप लगाए थे कि उज्जैन में सिंहस्थ की जमीन पर कॉलोनाइजरों की नजर है। सदन में इस पर हंगामा हुआ। विपक्ष के कई सदस्यों ने भाजपा विधायक की बातों का समर्थन कर दिया। इसके अलावा जल जीवन मिशन में घोटाले पर भी विपक्ष के साथ भाजपा विधायकों ने भी सदन में सवाल किए थे, जिससे सरकार की किरकिरी हुई थी।

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इधर, 31 जुलाई को दिल्ली में भाजपा संसदीय दल की बैठक भी रखी गई है। इनमें प्रदेश से सभी राज्यसभा और लोकसभा सदस्य (सांसद) शामिल होंगे और लोकसभा व राज्यसभा में कौन-कौन से मुद्दे उठाने हैं इसको लेकर चर्चा होगी।

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